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ग्रेटर नोएडा में बन रहा है क्षेत्र का पहला C&D Waste Plant….मलबे से बनाई जाएगी टाइल्स, हेल्पलाइन नंबर भी किया गया जारी

छह महीने में पूरे शहर के कंस्ट्रक्शन मलबे को प्रोसेसिंग प्लांट की साइट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक प्रोसेसिंग प्लांट न होने की वजह से यह इधर-उधर फेंका जाता रहा है. सेक्टरों के आसपास एकत्रित मलबे के उठ जाने से वहां साफ-सफाई भी हो गई है. इससे ग्रेटर नोएडा और स्वच्छ होगा.

ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट
हाइलाइट्स
  • 18 महीने में बनकर हो जाएगा तैयार

  • ग्रेटर नोएडा होगा स्वच्छ

ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट ईकोटेक थ्री में डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा. इसे देखते हुए प्राधिकरण ने सेक्टरों से कंस्ट्रक्शन मलबा उठवाना शुरू करा दिया है. अब तक 35 से अधिक जगहों से कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट (C&D Waste) को उठाकर इकोटेक थ्री में निर्माण हो रहे प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचा दिया गया है. इस सी एंड डी वेस्ट प्लांट से मलबे को प्रोसेस कर टाइल्स आदि बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो सकेगा. बता दें, अभी तक भी ग्रेटर नोएडा में सी एंड डी वेस्ट प्लांट नहीं बना था. यह इस क्षेत्र का पहला प्लांट होगा. 

18 महीने में बनकर हो जाएगा तैयार

प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट सेक्टर ईकोटेक थ्री में बनवाने का निर्णय लिया है. बीते दिसंबर माह से इस पर काम शुरू हो चुका है. ये लगभग 18 माह में बनकर तैयार हो जाएगा. यह पीपीपी (Public-Private-Partnership) मॉडल पर बन रहा है.

कैसे होगा इसका इस्तेमाल?

इस प्लांट से निकलने वाले मलबे को यहां प्रोसेस किया जाएगा. इस वेस्ट से टाइल्स आदि बनेगा. इस मलबे से लोहे को अलग करके रीसायकल किया जाएगा, जबकि डस्ट का इस्तेमाल गड्ढों को भरने व रोड निर्माण में किया जाएगा. इस प्लांट की क्षमता 100 टन मलबा प्रतिदिन प्रोसेस करने की है. 

प्रति टन के हिसाब से 407 रुपये शुल्क लगेगा 

आपको बता दें, इस प्लांट को लगा रही कंपनी राइज इलेवन प्रति टन के हिसाब से 407 रुपये शुल्क लेगी. ये कंपनी दिल्ली के बुराड़ी में सी एंड डी वेस्ट प्लांट पहले से चला रही है. वहीं, ग्रेटर नोएडा के अब तक 35 से अधिक सेक्टरों से 800 टन से अधिक मलबा उठाकर प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जा चुका है. प्रोसेसिंग प्लांट बना रही कंपनी इस मलबे को उठा रही है. 

किस किस जगह बने हैं कलेक्शन सेंटर?

सी एंड डी वेस्ट को इकट्ठा करने के लिए ग्रेटर नोएडा में 10 जगह कलेक्शन सेंटर बनने हैं. इनमें से सात जगहों पर कलेक्शन सेंटर बन गए हैं. इनमें सेक्टर 10, सेक्टर 1, सिग्मा टू, बीटा वन, डेल्टा थ्री, नॉलेज पार्क थ्री व इकोटेक 12 शामिल हैं. तीन कलेक्शन सेंटर और बनने हैं, ये तीन सेंटर सेक्टर 2, ओमीक्रॉन 1 और अल्फा 1 हैं. 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव ने निवासियों से इन तीनों जगहों पर कलेक्शन सेंटर बनने देने की अपील की है. उनका कहना है कि यह कूड़े का कलेक्शन प्वाइंट नहीं है, तो इससे किसी तरह की बदबू की शिकायत भी नहीं होगी, बल्कि निवासियों को अपने घरों का मलबा डालने में सहूलियत हो जाएगी. आसपास का मलबा एकत्रित होने से साफ-सफाई भी रहेगी. 

हेल्पलाइन नंबर भी किया गया है जारी 

ग्रेटर नोएडा में कंस्ट्रक्शन मलबे को उठाने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. यह नंबर 9315906083 है. जिस जगह कंस्ट्रक्शन मलबे को उठाया जा चुका है वहां पर अगर कोई दोबारा से मलबा डालता है, तो उसकी सूचना भी इस नंबर पर दी जा सकती है.

ग्रेटर नोएडा होगा स्वच्छ 

छह महीने में पूरे शहर के कंस्ट्रक्शन मलबे को प्रोसेसिंग प्लांट की साइट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक प्रोसेसिंग प्लांट न होने की वजह से यह इधर-उधर फेंका जाता रहा है. सेक्टरों के आसपास एकत्रित मलबे के उठ जाने से वहां साफ-सफाई भी हो गई है. इससे ग्रेटर नोएडा और स्वच्छ हो जाएगा.

दरअसल, सीईओ नरेंद्र भूषण, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि तेजी से विकसित हो रहे ग्रेटर नोएडा में सी एंड डी वेस्ट भी काफी मात्रा में निकल रहा है. प्लांट न होने से प्रोसेस नहीं हो पा रहा था. इसके लिए सी एंड डी वेस्ट प्लांट बनवाना जरूरी है. इस प्लांट के बन जाने से मलबे को प्रोसेस करके टाइल्स आदि बनाई जा सकेगी। इससे ग्रेटर नोएडा को भी और स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी.